महान सावित्रीबाई फुले | Great Savitribai Phule
आज महिलाओं और पुरुषों मे समानता का अधिकार केवल किताबों तक सीमित नहीं रहा है | इस परिस्थिति को यहाँ तक पहुँचने में कई सौ साल बीत गए | जब सावित्रीबाई फुले जी (Savitribai Phule) का जन्म हुआ उस समय तक महिलाओं को पढ़ने का अधिकार तक नहीं था |
घर से बाहर निकालने वाली महिलाओं समाज मे कई संकटों का सामना करना पड़ता था | कई समाज सुधारकों को बहुत लंबी लड़ाइयाँ लड़नी पड़ी | फिर चाहे सती प्रथा हो या विधवा स्त्रियॉं को पुनर्विवाह का अधिकार दिलवाना हो इन तमाम सुधारों को लागू करना अत्यंत कठिन कार्य रहा |
सावित्रीबाई (Savitribai) फुले जी भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल बनीं | कई लोग शुरुआत से ही उनके काम में बाधक बनकर खड़े हो गए | लेकिन ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का हौसला डगमगाया नहीं इन्होनें मिलकर महिलाओं के अधिकार की लड़ाई लड़ी और कामयाब हुए |
महिलाओं तथा समाज के कमजोर एवं वंचित वर्गों के उत्थान के लिए जीवनपर्यंत जो संघर्ष किया, वो हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। नारी शिक्षा की अलख जगाने वाली, देश की प्रथम महिला शिक्षिका एवं समाज सेविका सावित्रीबाई फुले जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन |
Avinash Jaiswar
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