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विश्वास, भक्ति, आनंद एक दिव्य यात्रा | Vishwas, Bhakti, Aanand Ek Divya Yatra

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जीवन का उद्देश्य तलाशता हुआ मनुष्य  अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखने वालों ने इसे नीला ग्रह कहकर संबोधित किया ।  इस ग्रह पर फैले विशालकाय महासागर, घने जंगल, बादलों को छूने वाली पर्वत श्रृंखलाएं, बस देखते बनती हैं ।  प्रकृति के इन्हीं खूबसूरत नजारों के बीच रहते हैं 'परमेश्वर की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति कहलाए जाने वाले, "मानव" ।  आदिमानव के रूप में वनों में दौड़ -भाग कर शिकार करने से लेकर, आज प्रगति की बुलंदियों तक पहुंचने वाले मनुष्यों ने कितने कमाल का सफर तय किया है । इन उपलब्धियों के लिए आज समस्त मानव जाति बधाई की पात्र है ।  परंतु भोजन के लिए जंगलों में लगाई हुई दौड़ से लेकर आज सुख - सुविधाओं के लिए दिन रात दौड़ने वाला मानव उन्हीं भौतिक (दुनियावी) वस्तुओं में उलझकर रह गया, और उन्हीं में अपना सुकून ढूंढने लगा । ये सारी वस्तुएं कुछ क्षण का सुख तो जरूर दे सकतीं हैं पर एक सीमा के बाद नीरस हो जाती हैं ।  और फिर सारी भाग दौड़ जैसे व्यर्थ प्रतीत होने लगती है।  जैसे संत कबीर कहते हैं  वस्तु कहीं, ढूंढे कहीं,.... केहि विधि आवे हाथ.. ! कहे कबीर वस्तु तब पाईये.. भेद...

Why is your mind restless ?

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You will see trains coming and going while sitting on a bench at a railway station. There will be sellers of goods at the station. If someone's train is about to depart, they will run as fast as possible towards the platform. The person who came to receive someone at the station will look at every face to find that person.   If someone is traveling without a ticket, he must be hiding his eyes in an attempt to escape. Similarly, someone will also be on vacation for the first time in a very long time, so he's very happy. A person who has lost his loved one can also be seen. At this point, he must leave all work and go to his family to console them. For a first-time train traveler, everything from the railway station to the tracks will be a matter of curiosity. Now take a look at yourself and ask yourself, do any of these people make a difference in your sadness, your happiness, your despair, or your joy? You might be thinking that when no one knows me, then why should anyone car...

मन बिना वजह क्यों दौड़ता है ? | Mann bina wajah kyun daudta hai

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                                          किसी रेल्वे Station की बेंच पर बैठे - बैठे नजर घुमाइए, आप देखेंगे हर कुछ मिनट में ट्रेन आती है, चली जाती है | आपको दिखाई देगा की सामान बेचने वाले सामान बेच रहे होंगे | जिस इंसान की ट्रेन छूटने वाली है वो तेज़ रफ्तार से प्लैटफ़ार्म की ओर दौड़ता हुआ नजर आयेगा | कोई इंसान अपने किसी पहचान वाले को लेने आया है तो उसकी निगाह सिर्फ और सिर्फ उस एक चेहरे को ढूँढ रही होगी |  कोई बिना टिकिट लिए यात्रा कर रहा होगा तो वो बचने के लिए नजर छिपा कर भागने की कोशिश कर रहा होगा | वहाँ कोई ऐसा भी होगा जो बहुत दिनों बाद घूमने जा रहा हो इसलिए वो बहुत खुश है |  कोई दुखी इंसान भी दिखाई दे रहा होगा क्यूंकी उसके पहचान वाला कोई शख़्स इस दुनिया को अलविदा कह गया, अब सारे काम छोडकर उसके परिवार को सांत्वना देने जाना पड़ रहा है |  यदि कोई पहली बार ट्रेन का सफर करने जा रहा है तो उसके लिए रेल्वे स्टेशन से लेकर ट्रेन पटरियाँ तक सब कुछ एक कौतूहल का व...

क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया है ?

इस संसार में रहते-रहते इंसान यह भूल जाता है कि यह शरीर नश्वर है और इसी भूल के कारण उसका मन हमेशा के लिए इस नश्वर दुनिया से बंध जाता है ।   इस भ्रम से बचने का सबसे प्रभावी तरीका यही है कि यह बात हमेशा याद रहे की कोई भी इंसान इस दुनिया में हमेशा के लिए नहीं रहता है। हर किसी को एक न एक दिन इस संसार से जाना ही पड़ता है इसलिए शरीर और सांसारिक पदार्थों से आगे के बारे में सोचना जरूरी है | कुछ ऐसा जो मृत्यु के पश्चात भी कायम रहे | एक साधारण इंसान सारी जिंदगी सिर्फ शरीर के सुख सुविधा जुटाने मे खर्च कर देता है और एक विवेकी मनुष्य कभी न कभी इस प्रश्न के बारे में जरूर सोचता है की उसका अस्तित्व क्यूँ है ?  क्या सिर्फ जीना और एक दिन मर जाना यही इस जीवन का उद्देश्य है ?  जिस किसी के मन मे यह प्रश्न आया और इसका उत्तर ढूंढने की कोशिश की वो कहीं न कहीं एक कदम सही रास्ते की ओर बढ़ा ही लेता है  | "आए हैं सो जाएँगे , राजा रंक फकीर,  एक सिंहासन चढ़ि चले , एक बँधे जात जंजीर"   चाहे राजा हो या भिखारी सभी को इस संसार से जाना ही है , परंतु जिस किसी ने भी  अ पने इस संसार म...

Have you ever had this question in your mind?

Living in this world makes a person forget that this body is mortal and that their mind is forever tied to this mortal world. One of the most effective ways to overcome illusion is to remember that one does not live in this world forever. Everyone will leave this world at some point, so it is necessary to think beyond the body and material things, which will still be useful even after death. Most wise people ask themselves why they exist. Is the only purpose of this life to live and die one day? Whoever has this question in his mind and tries to find the correct answer is on the right path. आय हैं सो जाएँगे, राजा रंक फकीर ।  एक सिंहासन चढ़ि चले, एक बँधे जात जंजीर Be it a king or a beggar, both have to die one day. पानी केरा बुदबुदा, अस मानुस की जात. एक दिना छिप जाएगा,ज्यों तारा परभात. The human body is also mortal, like a bubble of water. As the stars are hidden at dawn, so will this body be destroyed one day. Avinash Jaiswar